अब लोन एजेंट की बदतमीज़ी पर लगाम! जानिए RBI की नई गाइडलाइन RBI New Guidelines

By Prerna Gupta

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RBI New Guidelines

RBI New Guidelines – अगर आपने पर्सनल लोन, होम लोन या कार लोन लिया है और किसी कारणवश EMI नहीं भर पा रहे हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। खासकर जब बैंक या उनके रिकवरी एजेंट बार-बार कॉल कर के आपको तंग करते हैं या डराने-धमकाने की कोशिश करते हैं। अब RBI यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने एक नई गाइडलाइन जारी की है, जो सीधे तौर पर ग्राहकों के हित में है। इस फैसले से उन लोगों को बहुत राहत मिलेगी, जो आर्थिक तंगी या किसी निजी कारण से अपनी EMI समय पर नहीं चुका पा रहे हैं।

अब नहीं चलेगी डराने-धमकाने की भाषा

पहले ऐसा होता था कि जैसे ही आपकी EMI एक-दो दिन लेट हुई, बैंक के कॉल्स आने शुरू हो जाते थे। रिकवरी एजेंट दिन-रात फोन करते थे और कई बार तो बदतमीजी या धमकी भी देने लगते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। RBI ने साफ-साफ निर्देश दिया है कि बैंक या उनके एजेंट किसी भी ग्राहक से सिर्फ सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे के बीच ही संपर्क कर सकते हैं। न तो देर रात कॉल किया जाएगा और न ही कोई एजेंट अचानक आपके घर पहुंचकर आपको शर्मिंदा करेगा। अगर ऐसा होता है, तो यह नियमों के खिलाफ होगा।

मानसिक तनाव को भी माना जाएगा वजह

RBI ने इस बात को भी गंभीरता से लिया है कि कई लोग मानसिक तनाव, बेरोजगारी, बीमारी या पारिवारिक समस्याओं की वजह से समय पर EMI नहीं भर पाते। ऐसे में अब बैंकों को कहा गया है कि वो सिर्फ पैसे की रिकवरी पर ध्यान न दें, बल्कि ग्राहक की स्थिति को समझें। हर व्यक्ति को सम्मान देना जरूरी है, चाहे वह समय पर किश्त भर रहा हो या नहीं। जबरन वसूली की नीति अब नहीं चलेगी।

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अगर एजेंट बदतमीजी करे तो शिकायत करें

अगर कोई रिकवरी एजेंट बार-बार कॉल कर रहा है, बदतमीजी कर रहा है या धमकी दे रहा है, तो आप पूरी तरह से अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे मामलों में पुलिस में शिकायत करना, बैंक की वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरना या हेल्पलाइन पर कॉल करके अपनी बात रखना पूरी तरह से वैध है। इसके अलावा, अगर मानसिक उत्पीड़न हुआ है तो आप मुआवजे की मांग भी कर सकते हैं। RBI ने यह साफ किया है कि ग्राहक के साथ मर्यादा में रहकर व्यवहार किया जाना चाहिए।

EMI चूकने पर क्या तुरंत गाड़ी या घर जब्त हो जाएगा?

यह सबसे बड़ा डर होता है कि अगर एक किश्त मिस हो गई तो बैंक तुरंत घर या गाड़ी छीन लेगा। लेकिन सच्चाई यह है कि ऐसा बिल्कुल नहीं होता। बैंक तब तक कोई सख्त कदम नहीं उठाता जब तक तीन लगातार EMI मिस न हो जाएं। इसके बाद भी पहले कानूनी नोटिस भेजा जाता है और फिर समय दिया जाता है स्थिति सुधारने के लिए। यानी आपके पास लगभग 90 दिन का समय होता है अपनी स्थिति सुधारने का।

EMI संकट से कैसे निपटें?

अगर आप फिलहाल EMI नहीं भर पा रहे हैं तो सबसे पहले घबराना छोड़ दीजिए। बैंक से सीधे बात करिए और उन्हें अपनी स्थिति बताइए। EMI को टालने या लोन की शर्तों में बदलाव के लिए रीस्ट्रक्चरिंग का ऑप्शन लिया जा सकता है। अगर कोई एजेंट आपको धमका रहा है, तो उसका कॉल रिकॉर्ड और मैसेज सुरक्षित रखिए ताकि जरूरत पड़ने पर सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके। अगर बैंक आपकी नहीं सुन रहा है तो RBI के बैंकिंग ओम्बड्समैन या उपभोक्ता फोरम की मदद ली जा सकती है।

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RBI की नई गाइडलाइन का असली मकसद

इस नई गाइडलाइन का मकसद यही है कि बैंकों की रिकवरी पॉलिसी अब सिर्फ पैसे वसूलने तक सीमित न रह जाए। अब बैंकों को यह समझना होगा कि अगर कोई व्यक्ति ईमानदार है लेकिन आर्थिक तंगी से जूझ रहा है, तो उसके साथ इंसानियत से पेश आना चाहिए। ग्राहक की मजबूरी को समझते हुए समाधान निकालना ही इस नीति की सबसे बड़ी खासियत है।

अगर आप EMI नहीं भर पा रहे हैं तो अब डरने की जरूरत नहीं है। RBI ने आपकी मदद के लिए जो गाइडलाइन बनाई है, वह साफ तौर पर आपके हक की बात करती है। बैंक अब डराने या धमकाने की बजाय समझदारी से काम लेंगे। आपको अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर कानूनी मदद लेने से हिचकना नहीं चाहिए। जागरूक रहिए, सतर्क रहिए और अपने सम्मान के लिए आवाज उठाइए।

Disclaimer

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यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। यह किसी तरह की कानूनी सलाह नहीं है। अगर आप बैंकिंग से जुड़ी किसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं तो किसी योग्य वकील या उपभोक्ता फोरम से व्यक्तिगत सलाह लेना बेहतर होगा।

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